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Friday, 10 January 2025
रवि पुष्य योग
रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं | फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें | इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है | ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए |
मन्त्र
:-स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए नित्य एक माला महामृत्युंजय की जाप अवश्य करें। 40 दिन बाद से परिणाम दिखने प्रारंभ हो जायेगा।
:-जिन व्यक्तियों को कर्ज से राहत न मिल रही हो या खर्च ज्यादा हो, आवक कम हो, वे लक्ष्मीजी का मंत्र प्रारंभ कर दें। ऐश्वर्य, लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्र:-श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
:- इस वर्ष गुरु उच्च के हो रहे हैं अत: जिन्हें भी दीक्षा लेने की इच्छा हो, व विद्वान से सलाह लेकर इस समय का लाभ उठा सकते हैं।
जिन व्यक्तियों के किसी भी कार्य में रुकावट हो, वे बसंत पंचमी से नित्य एक माला करें।
मंत्र- ॐ श्रीं श्रीं ॐ ॐ श्रीं श्रीं हूं फट् स्वाहा। ।
जिन व्यक्तियों को राज्य से या बड़े व्यक्तियों से कार्य में अड़चन आ रही हो, वे एक माला मकर संक्रांति से नित्य करें।
मंत्र- ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने।
महपति वश्यं कुरु-कुरु स्वाहा। ।
महा वशीकरण मन्त्र :-
महा वशीकरण मन्त्र :-
ॐ पुरुष-क्षोभनी सर्व-शत्रु विद्रान्वी ॐ आम् क्रौम् ह्रीं जो ही मोह्य मोह्य क्षोभय क्षोभय अमुकी वशी कुरु वशी कुरु स्वाहा ||
प्रयोग करने से पहले मन्त्र का शुभ रात्रि में एकांत में नग्न होकर 3008 बार मन्त्र जप करके सिद्ध करे | फिर बाद में इसी विधि से रोज मन्त्र का इतनी ही मात्रा में नाम जोडकर जप करे जब तक की आपका काम न हो जाए | जल्द ही आपका कार्य पूरा होगा |
स्तम्भन मंत्र:-
स्तम्भन मंत्र:-
सिद्धि करने के बिधि :-
माला :-रुद्राक्ष (साधारण तरीके से संकरित )
दिशा:- पश्चिम
आसान /बस्त्र:- लाल
दिन :- अमाबस्या के मध्यरात्रि से सुरु
21 माला जाप से मंत्र सिद्धि होगा
सामान्य गुरु, गणेश पूजन करके गुरु मंत्र का एक माला और गणेश मंत्र का एक माला जाप करें फिर मूल मंत्र का जाप सुरु करें
घी का दिया और धुपबत्ती जलाके जाप करें
1 रात मे जाप पूरा करें
सात्विक भोजन और ब्राह्मचार्य का पालन करें
मंत्र :-
ॐ वं वं बं ह हं हं घ्रां ठः ठः।
इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद ही इसका प्रयोग करें। निगोही के बीज को 21 बार अभिमंत्रित करके जिस व्यक्ति पर भी फेंका जाए, वह स्तम्भित हो जाता है। यदि इसका प्रयोग रविवार या मंगलवार को किया जाए तो इसका प्रभाव अधिक दिखाई देता है।
कवच
कवच:-
इष्ट देवों की उपासनाओं में उनके नामों द्वारा उनका अपने शरीर में निवास तथा रक्षा की प्रार्थना करते हुए जो न्यास किये जाते है, वे ‘कवच' कहे जाते हैं । ये कवच न्यास और कवच स्तोत्रों के पाठ द्वारा सिद्ध होते हैं। सिद्ध होने पर साधक किसी भी रोगी पर इनके द्वारा झाड़ने-फूंकने की क्रिया करता है । कवच- स्तोत्र पाठ जप के पश्चात होता है । भोज-पत्र पर कवच लेखन, तिलक, जल अभिमंत्रण या ताबीज तथा अन्य चीजों को अभिमंत्रण (मंत्र से युक्त) करने का कार्य भी ‘कवच स्तोत्र' से होता है ।
जब मनुष्य को अपनी शारीरिक एवं मानसिक शक्तियों द्वार किसी कार्य की सिद्धि में सफलता नहीं मिलती तो वह अलौकिक शक्तियों का सहारा ढूंढ़ता है, इन अलौकिक शक्तियों को प्रसन्न करके अपना कार्य सिद्ध करना चाहता है । ऐसी शक्तियों को तंत्र, मंत्र एवं स्तोत्रों द्वारा प्रसन्न किया जाता है । किसी भी कामना-सिद्धि के लिए इन तंत्रों, मंत्री और स्तोत्रों को सिद्ध करना अत्यन्त आवश्यक है । इसके लिए विधि-विधान की आवश्यकता होती हे
नजर झाड़ने का मंत्र:-
गुरु चरण दिया मन, श्री हरि मोक्ष कारण, देव-दानव-दैत्यादि, खाई नरसिंह वरा आसी सब उड़ाई आलाली पालाली चोटी चोटी हंकारे फूंकारि उड़ाव मारी शलि लेकर पांव पांव टुकरियां जाए, अनुकार अगे, डाईनेर दृष्टि, पलायकरा अक्षा वीर नरा सिंह आज्ञा।
विधिः सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, दीपावली, होली, दिवाली, नवरात्री में 108 बार मंत्र पढ़ने से सिद्ध होगा माला :- रुद्राक्ष
आसान/बस्त्र:- काला
दिशा:-पश्चिम
रात के समय करें जाप
मंत्र सिद्धि के बाद झाड़ा लोगाने केलिए पानी का छिटा मारे(7 बार मन्त्र पढ़के पानी को अभिमत्रित करके )या मौर पँख से झाड़ा लोगये झाड़ने का विधान है। इसी तरह इस मंत्र का प्रयोग करके दूसरे के साथ अपने ऊपर लगी नजर को झाड़ा जा सकता है।
श्री सूर्य देव भगवान जी की पूजा विधि
श्री सूर्य देव भगवान जी की पूजा विधि
रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा का
विधान है।
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देने वाले देवता हैं।
हिंदू धर्म में सूर्य की उपासना अति शीघ्र फल देने वाली मानी जाती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा के लिए करने के लिए प्रातः जल्दी सोकर उठें।
जब सूर्य उदय हो तब सूर्य देव को प्रणाम करें और ‘ॐ सूर्याय नमः’ या ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ कहकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
सूर्य को अर्पित किए जाने वाले जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर अर्घ्य दें।
सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात्प लाल आसन में बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके सूर्य के मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
सूर्य को जल देने के बाद मन ही मन प्रणाम करें और सद्बुद्धि देने की कामना करें।
सूर्य देव के मंत्र जाप से सरकारी काम या सरकारी नौकरी या राजयोग बोनता हे जीवन मे इंसान सारे भौतिक सुख भोगता हे। 🙏🙏
महालक्ष्मी मंत्र (अक्षय भंडार) दिवाली के रात या धनतेरस के रात कर सकते हे
महालक्ष्मी मंत्र (अक्षय भंडार) दिवाली के रात या धनतेरस के रात कर सकते हे
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
विधिः शुभ तिथि व शुभ दिन प्रातः जप करना प्रारम्भ कर दें। कम-से-कम 1100 जप या ज्यादा से ज्यादा 11000 जाप करें हमेशा आपके बरकत लगा रहेगा जैसे दिन दुगुनी रात चौगुनी
माला -रुद्राक्ष
दिशा -पश्चिम
लाल -आसान /बस्त्र
11 माला जाप करें दिवाली या किसी शुभ मुहूर्त पे
गुरु, गणेश, माता लक्ष्मी के पूजन के बाद एक एक माला गुरु गणेश का जाप करते हुए मूल मंत्र का जाप करें आप पांचउपचार पूजन के बाद जाप सुरु करें
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
विधिः शुभ तिथि व शुभ दिन प्रातः जप करना प्रारम्भ कर दें। कम-से-कम 1100 जप या ज्यादा से ज्यादा 11000 जाप करें हमेशा आपके बरकत लगा रहेगा जैसे दिन दुगुनी रात चौगुनी
माला -रुद्राक्ष
दिशा -पश्चिम
लाल -आसान /बस्त्र
11 माला जाप करें दिवाली या किसी शुभ मुहूर्त पे
गुरु, गणेश, माता लक्ष्मी के पूजन के बाद एक एक माला गुरु गणेश का जाप करते हुए मूल मंत्र का जाप करें आप पांचउपचार पूजन के बाद जाप सुरु करें
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