Tuesday, 25 April 2023

यह रत्न कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए*

*यह रत्न कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए*
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*✍🏻१:-माणिक्य के साथ-* नीलम, गोमेद, लहसुनिया वर्जित है। 
*२:-मोती के साथ-* हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद, लहसुनिया वर्जित है। 
*३:-मूंगा के साथ-* पन्ना, हीरा, गोमेद, लहसुनिया वर्जित है। 
*४:-पन्ना के साथ-* मूंगा, मोती वर्जित है। 
*५:-पुखराज के साथ-* हीरा, नीलम, गोमेद वर्जित है। 
*६:-हीरे के साथ-* माणिक्य, मोती, मूंगा, पुखराज वर्जित है। 
*७:-नीलम के साथ-* माणिक्य, मोती, पुखराज वर्जित है। 
*८:- गोमेद के साथ-* माणिक्य, मूंगा, पुखराज वर्जित है। 
*९:-लहसुनिया के साथ-* माणिक्य, मूंगा, पुखराज, मोती वर्जित है।

Saturday, 22 April 2023

केदार योग

*केदार योग क्या है : 500 साल बाद 23 अप्रैल को बन रहा यह खास योग, कैसा है आपके लिए*
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*ज्योतिष में कई दुर्लभ योग के बारे में बताया गया है। उन्हीं में से एक है केदार योग। 23 अप्रैल को केदार योग का निर्माण हो रहा है। यह योग बहुत ही दुर्लभ माना गया है क्योंकि यह वर्षों में बनता है। इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। आओ जानते हैं कि क्या है केदार योग, कैसे बनता है यह योग और किन राशियों को मिलेगा इससे फायदा।* 
 
*🚩केदार योग क्या है और कैसे बनता है :-* जब कुण्डली में सातों ग्रह किन्हीं चार राशियों में हों तो केदार योग बनता है। 23 अप्रैल 2023 को यह योग बन रहा है। मेष राशि में बुध, सूर्य, गुरु और राहु विराजमान रहेंगे, वृषभ में चंद्र और शुक्र, कुंभ में शनि और मिथुन में मंगल विराजमान रहेंगे।
 
*🚩इस योग में जन्म लेने वाले जातक :-* इस योग में जन्म लेने वाला जातक भूमि और भवन से युक्त होता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार से संपत्ति की कोई कमी नहीं रहती है। अपनी मेहनत के बल पर वह संपत्ति में वृद्धि करता जाता है। इस योग में जन्मा जातक तेज बुद्धि, पराक्रमी, शत्रुहन्ता और राज पक्ष से प्रशंसा प्राप्त करके मान सम्मान और प्रसिद्धि अर्जित कर लेता है।
 
*⚛️मेष राशि :-* आपकी कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य, बुध, गुरु और राहु की युति बन रही है। शनि 11वें, मंगल 3रे और शुक्र दूसरे भाव में विराजमान होकर राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। इससे आकस्मिक धन की प्राप्ति होगी। मान सम्मान में वृद्धि होगी। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। नया कार्य शुरु कर सकते हैं।

*⚛️सिंह राशि :-* आपके लिए केदार योग नौकरी में पदोन्नति देगा। व्यापार में अचानक से मुनाफा बढ़ा देगा। जीवनसाथी के साथ संबंधों में सुधार होगा। साझेदारी के व्यापार है तो उसमें भी लाभ होगा। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए बहुत ही शुभ साबित होगा।
 
*⚛️धनु राशि :-* आपके लिए केदार योग कुंडली के तीसरे, पांचवें, छठे और सातवें भाव में शुभ फल देने वाला है। यानी आपकी आय में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से संबध मजबूत होंगे। कोर्ट कचहरी के मामले सुलझ जाएंगे। सेहत में सुधार होगा। शुत्र परास्त्र होंगे। नौकरी करियर और शिक्षा में उन्नति होगी। निवेश से लाभ होगा। बैंकिंग, फाइनेंस, शेयर मार्केट, इंवेस्टमेंट आदि से जुड़े लोगों को सफलता मिलेगी।
 
*⚛️मकर राशि :-* आपकी राशि के लिए यह केदार योग सुख लेकर आया है। भूमि, भवन या वाहन खरीदने के योग बनेंगे। कोर्ट कचहरी के मामले में सफलता मिलेगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। संतान पक्ष की ओर से शुभ समाचार मिलेगा। वाणी में मधुरता आएगी। आय में बढ़ोतरी होगी।
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पितृदोष

प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है. इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है. जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है. पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है. आमतौर पर पितृदोष के लिए खर्चीले उपाय बताए जाते हैं लेकिन यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष बन रहा है और वह महंगे उपाय करने में असमर्थ है तो भी परेशान होने की कोई बात नहीं.
पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए ऐसे कई आसान, सस्ते व सरल उपाय भी हैं जिनसे इसका प्रभाव कम हो सकता है.
कोई भी उपाय करने से पहले सर्वप्रथम और महत्वपूर्ण उपाय यह है कि हर इंसान अपने जीवित माता - पिता को आदर- सम्मान देवें और यथाशक्ति उन्हें सुख - सुविधा प्रदान कराएं.
पितृ दोष कही न कही अनेको दोषों को उत्पन्न करने वाला होता है जैसे की वंश न बढ़ने का दोष, असफलता मिलने का दोष, बाधा दोष और भी बहुत कुछ. पितृ पक्ष में की गयी पूजा और तर्पण अगर विधि विधान और मन लगाकर किया जाए तो अच्छे फल देने वाली सिद्ध होती है.
घर में पितृ दोष होगा तो संतान की शिक्षा, दिमाग, व्यवहार पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता.
जिन जातकों को पितृ दोष होता है उनके बहुत से कारण होते है की हमारे अपने पितरों से सम्बन्ध अच्छे नहीं हो पाते, कारण, आपके जीवन में रुकावटें, परेशानियाँ और क्या नहीं होता.
बालो पर सबसे पहले प्रभाव पड़ता है, जैसे समय से पहले बालों का सफ़ेद हो जाना, सिर के बीच के हिस्से से बालों का कम होना, हर कार्य में नाकामी हाथ लगाना, घर में हमेशा कलह रहना, बीमारी घर के सदस्यों को चाहे छोटी हो या बड़ी घेरे रखती है, यह सब लक्षण होने से घर मे पितृ दोष है. अगर घर में पितृ दोष है तो किसी भी सदस्य को सफलता आसानी से हाथ नहीं लगती.

पितृ दोष कुंडली में होने से कुंडली के अच्छे ग्रह उतना अच्छा फल जितना उन्हें देना चाहिए.
घर के सभी लोग आपस में झगड़ते है, घर के बच्चों के विवाह देरी से होते है, विवाह करने में बहुत दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.
अगर पितृ दोष हावी होने से घर में धन नहीं रुकेगा. संचित धन भी बीमारी या क़र्ज़ देने, चुकाने में चला जायेगा. पुरानी चीजे ठीक कराने में धन निकल जायेगा पर रुकेगा नहीं.
परिवार की मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आती है, पितृ दोष के कारण घर में पेड़-पौधे या फिर जानवर नहीं पनप पाते. घर में शाम आते आते अजीब सा सूनापन हो जायेगा जैसे की उदासी भरा माहौल, घर का कोई हिसा बनते बनते रह जायेगा या फिर बने हुए हिस्से में टूट-फुट होगी, उस हिस्से में दरारे आ जाती है.
घर का मुखिया बीमार रहता है, रसोई घर के आस पास वाली दीवारों में दरार आ जाते है. जिस घर में पितृ दोष हावी होता है उस घर से कभी भी मेहमान संतुष्ट होकर नहीं जायेंगे चाहे आप कुछ भी क्यूँ न कर ले या फिर कितनी ही खातिरदारी कर ले, मेहमान हमेशा नुक्स निकाल कर रख देंगे यानी की मोटे तौर पर आपकी इज्ज़त नहीं करेंगे.
घर में चीजे और साधन होते हुए भी घर के लोग खुश नहीं रहते. जब पैसे की जरुरत पड़ती है तो पैसा मिल नहीं पाता. ऐसे घर के बच्चों को उनकी नौकरी या फिर कारोबार में स्थायित्व लम्बे समय बाद ही हो पाता है, बच्चा तेज़ होते हुए भी कुछ जल्दी से हासिल नहीं कर पायेगा ऐसी परिस्थितियाँ हो जायेंगी.
जिस घर में पितृ दोष होता है उस घर में भाई-बहन में मन-मुटाव रहता ही रहता है. कभी कभी तो परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है की कोई एक दूसरे की शकल तक देखना पसंद नहीं करता. जिस घर में पितृ दोष हो पति- पत्नी में बिना बात के झगडा होना भी ऐसे घर में स्वाभाविक है.
ऐसे घर के लोग जब एक दूसरे के साथ रहेंगे तो हमेशा कलेश करके रखेंगे परन्तु जैसे ही एक दुसरे से दूर जायेंगे तो प्रेम से बात करेंगे.
घर में स्त्रियों के साथ दुराचार करना, उन्हें नीचा दिखाना, उनका सम्मान न करने से शुक्र ग्रह बहुत बुरा फल देता है जिसका असर आने वाली चार पीड़ियों तक रहता है. 
जिस घर में जानवरों के साथ बुरा सुलूक किया जाता है उस घर में पितृ दोष आना स्वाभाविक है. और जो जानवरों के साथ बुरा सुलूक करते है वह ही नहीं अपितु उनका पूरा परिवार और उनकी संतान पर पितृ दोष के बुरे प्रभाव के हिस्सेदार जाने-अनजाने में बन जाते है.
जिस घर में विनम्र रहने वाले व्यक्ति का अपमान होता है वह घर पितृ दोष से पीड़ित होगा, साथ में जो लोग कमजोर व्यक्ति का अपमान करेंगे वह भी पितृ दोष से प्रभावित होंगे.

👉जमीन हथियाने से, हत्या करने से पित्र दोष लगता है.

👉जो लोग समाज-विरॊधि काम काम करते हैं उनका बृहस्पति खराब होकर उनकी कई पीढ़ियों तक पितृ दोष देता रहता है.

👉बुजुर्गों का अपमान जहा हुआ वह समझिये पितृ दोष आया ही आया.

👉सीढ़ियों के निचे रसोई या फिर सामान इक्कठा करने का स्टोर बनाने से पितृ दोष लगता है.

👉मित्र या प्रेमी को धोखा देने से पितृ दोष लगता है, शेर-मुखी घर में रहने वाले लोगो को पितृ दोष के दुष्प्रभाव झेलने पड़ते है. {शेर-मुखी ऐसा घर होता है जो शुरू शुरू में चौड़ा होता है परन्तु जैसे जैसे आप घर के अंदर जाते जायेंगे वह पतला होता चला जाता है.

👉जन्मकुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तो व्यक्ति को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए. उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है.

👉अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए. भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं.

👉अगर हो सके तो अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है.

👉पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें.

👉शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें. इससे भी पितृ दोष की शांति होती है.

👉सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें. 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है.

👉प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है.

👉जन्मकुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है.

👉ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है.

👉पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं. विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्‍भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है.

👉पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है.

पित्र दोष निवारण मन्त्र
मन्त्र 1 -- ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।
मन्त्र २-- ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।
एक माला रोज अगर घर का मुखिया या अन्य सदस्य करें तो बहुत लाभ होता है।
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9910057645 9971553732