Thursday, 23 March 2017

*"पंचक विशेष"*

*"पंचक विशेष"*
🌼🍃🌼🍃
*भारतीय ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है।*
*इसके  अंतर्गत   धनिष्ठा,   शतभिषा,  उत्तरा  भाद्रपद,*
*पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। पंचक के दौरान*
*कुछ विशेष काम वर्जित किये गए है।*
:
*🍹"पंचक के प्रकार"🍹*
:
1👉 *"रोग पंचक"*
:
रविवार को शुरू होने  वाला पंचक  रोग  पंचक
कहलाता है।   इसके  प्रभाव  से   ये  पांच  दिन
शारीरिक और मानसिक परेशानियों  वाले  होते
हैं। इस पंचक में किसी भी  तरह के  शुभ  काम
नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक  कार्यों
में ये पंचक अशुभ माना गया है।

2👉 *"राज पंचक"*

सोमवार को शुरू  होने  वाला पंचक राज पंचक
कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है।
इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों
में सफलता मिलती है। राज पंचक में  संपत्ति से
जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।
:
3👉 *"अग्नि पंचक"*
:
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि  पंचक
कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट  कचहरी और
विवाद आदि के फैसले, अपना  हक  प्राप्त  करने
वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि
का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का
निर्माण   कार्य, औजार  और  मशीनरी  कामों की
शुरुआत करना अशुभ माना गया है।
इनसे नुकसान हो सकता है।
:
4👉 *"मृत्यु पंचक"*
:
शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक
कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि..
अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के
बराबर परेशानी देने वाला होता है।
इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे
काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद,
चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।

5👉  *"चोर पंचक"*
:
शुक्रवार को शुरू होने  वाला पंचक चोर पंचक
कहलाता है। विद्वानों  के अनुसार, इस  पंचक
में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-
देन, व्यापार और किसी भी  तरह के सौदे  भी
नहीं करने चाहिए। मना किए गए  कार्य  करने
से धन हानि हो सकती है।

6👉  इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को
शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का
पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो
दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के  पांच
कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ  काम
किए जा सकते हैं।

*⚜"पंचक में वर्जित कर्म"⚜*
*************************
1👉 पंचक में चारपाई बनवाना भी अच्छा नहीं
माना जाता। विद्वानों के अनुसार ऐसा  करने  से
कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

2👉 पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र
हो उस समय घास,  लकड़ी आदि  जलने  वाली
वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना  चाहिए,  इससे   आग
लगने का भय हैं।
:
3👉 पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही
करनी  चाहिए,  क्योंकि  दक्षिण  दिशा, यम   की
दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की
यात्रा करना हानिकारक माना गया है।

4👉 पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा
हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए,
ऐसा विद्वानों का कहना है। इससे धन हानि और
घर में क्लेश होता है।
:
5👉 पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से
पहले किसी योग्य पंडित की सलाह  अवश्य लेनी
चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच
पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बना-
कर अर्थी पर रखना चाहिए और इन पांचों का भी
शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार
करना चाहिए, तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है।
ऐसा गरुड़ पुराण में लिखा है।

*"पंचक में करने योग्य शुभ कार्य.."*
🍃🍃 🌼 🍃🍃  🌼 🍃🍃
पंचक में आने वाले नक्षत्रों में शुभ कार्य हो भी
किये जा सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तरा-
भाद्रपद नक्षत्र  वार  के  साथ  मिलकर  सर्वार्थ-
सिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा,  शतभिषा,
पूर्वा भाद्रपद व  रेवती नक्षत्र - यात्रा,  व्यापार,
मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं।
:
मेरे अनुसार, पंचक को भले ही अशुभ माना
जाता है, लेकिन इस  दौरान  सगाई,  विवाह
आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं।
:
पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद,
उत्तरा  भाद्रपद  व  रेवती   रविवार  को होने से
आनंद आदि 28 योगों में  से  3 शुभ  योग  बनाते
हैं, ये शुभ योग इस प्रकार हैं- चर,  स्थिर व प्रवर्ध।
इन शुभ योगों से सफलता व धन लाभ का विचार
किया जाता है।
:
*मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार :*
.          *पंचक के नक्षत्रों का शुभ फल..!!*
🌼
1👉 घनिष्ठा और  शतभिषा क्षत्र चल संज्ञक माने
जाते हैं। इनमें चलित काम  करना शुभ  माना गया है,
जैसे- यात्रा करना, वाहन खरीदना, मशीनरी संबंधित
काम शुरू करना शुभ माना गया है।
:
2👉 उत्तराभाद्रपद नक्षत्र स्थिर संज्ञक नक्षत्र माना
गया है। इसमें स्थिरता वाले काम करने चाहिए जैसे-
बीज बोना, गृह प्रवेश, शांति पूजन और  जमीन  से
जुड़े स्थिर कार्य करने में सफलता मिलती है।

3👉  रेवती नक्षत्र मैत्री संज्ञक होने से इस नक्षत्र -
में कपड़े, व्यापार से संबंधित सौदे करना,  किसी
विवाद का निपटारा करना, गहने  खरीदना आदि
काम शुभ माने गए हैं।

*"पंचक के नक्षत्रों का संभावित अशुभ प्रभाव"*
:                        🌼 
1👉 धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय रहता है।
:
2👉 शतभिषा नक्षत्र में वाद-विवाद होने के योग
बनते हैं।
:
3👉 पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र है, यानि इस -
नक्षत्र में बीमारी होने की संभावना सबसे अधिक
होती है।
:
4👉 उत्तरा भाद्रपद में धन हानि के योग बनते है।
:
5👉 रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव
होने की संभावना होती है।

🍃🌼🍃🍃🌼🍃🍃🌼🍃
www.facebook.com/astroshaliini
www.astroshaliini.com
9910057645

No comments:

Post a Comment