Thursday, 17 January 2019

विवाह में देरी ओर ज्योतिष शास्त्र*

*विवाह में देरी ओर ज्योतिष शास्त्र*
✍🏻1.-सप्तम में बुध और शुक्र दोनो के होने पर विवाह वादे चलते रहते है, विवाह आधी उम्र में होता है। 2.चौथा या लगन भाव मंगल (बाल्यावस्था) से युक्त हो,सप्तम में शनि हो तो कन्या की रुचि शादी में नही होती है। 3.सप्तम में शनि और गुरु शादी देर से करवाते हैं। 4.चन्द्रमा से सप्तम में गुरु शादी देर से करवाता है, यही बात चन्द्रमा की राशि कर्क से भी माना जाता है। 5.सूर्य, मंगल, बुध लगन या राशिपति को देखता हो, और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है। 6.लगन में सप्तम में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक नही हों, परिवार भाव में चन्द्रमा कमजोर हो तो विवाह नही होता है, अगर हो भी जावे तो संतान नही होती है। 7.राहु की दशा में शादी हो, या राहु सप्तम को पीडित कर रहा हो, तो शादी होकर टूट जाती है..इत्यादि..!!

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