कुंडली में मंगल कब शुभ फलदायक होता है।
कुंडली में मंगल शुभ फलदायक तब माना जाता है, जब यह कुछ विशेष राशियों में या कुछ विशेष भावों में स्थित हो। मंगल साहस, ऊर्जा, शक्ति, और आत्म-विश्वास का प्रतीक होता है। यह व्यक्ति को मेहनती, दृढ़निश्चयी और साहसी बनाता है। जब मंगल शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति के जीवन में सफलता, मान-सम्मान और आत्म-विश्वास का संचार होता है। यहाँ बताया गया है कि किस स्थिति में मंगल शुभ फलदायक हो सकता है:
मंगल की शुभ राशियाँ:
1. मेष (Aries) - मंगल अपनी ही राशि मेष में उच्च का होता है। यह स्थिति व्यक्ति को आत्मविश्वासी, साहसी, और निर्णायक बनाती है। ऐसे व्यक्ति जोखिम लेने से नहीं डरते और नेतृत्व में आगे रहते हैं।
2. मकर (Capricorn) - मकर राशि में मंगल उच्च का होता है, जो इसे अत्यंत शक्तिशाली बनाता है। यह स्थिति व्यक्ति को अनुशासनप्रिय, संगठित और मेहनती बनाती है। ऐसे लोग करियर में सफलता पाते हैं और अपने कार्यों में निपुण होते हैं।
3. वृश्चिक (Scorpio) - वृश्चिक में मंगल अपनी दूसरी स्व-राशि में होता है। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत, जिज्ञासु, और दृढ़ बनाता है। यह स्थिति जीवन में साहसी निर्णय लेने की क्षमता देती है, जो कठिन समय में सहायक होती है।
4. सिंह (Leo) - सिंह में मंगल व्यक्ति को नेतृत्व और ऊर्जावान बनाता है। ऐसे लोग आत्म-विश्वासी और सशक्त होते हैं और समाज में प्रतिष्ठा पाते हैं। मंगल की यह स्थिति व्यक्ति को रचनात्मक और निर्णायक बनाती है।
5. धनु (Sagittarius) - धनु में मंगल व्यक्ति को साहसी और सकारात्मक दृष्टिकोण वाला बनाता है। ऐसे लोग जीवन में साहसिक कदम उठाते हैं और बड़ी सोच रखते हैं। मंगल की यह स्थिति उन्हें जीवन में नई दिशाएँ खोजने और सच्चाई की खोज में प्रेरित करती है।
मंगल के शुभ भाव:
1. प्रथम भाव (1st House) - यहाँ मंगल व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत, आत्म-विश्वासी और साहसी बनाता है। ऐसे लोग अपने कार्यों में नेतृत्व करने वाले होते हैं और उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है।
2. दशम भाव (10th House) - दशम भाव करियर और समाज में प्रतिष्ठा का भाव है। यहाँ मंगल व्यक्ति को करियर में सफलता, मान-सम्मान और उच्च पद प्राप्त करने में सहायक होता है। ऐसे लोग मेहनती और अनुशासनप्रिय होते हैं और अपने कार्यक्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं।
3. तृतीय भाव (3rd House) - यहाँ मंगल साहस और आत्म-विश्वास को बढ़ाता है। व्यक्ति में जोखिम लेने की क्षमता बढ़ती है और वे नई चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
4. एकादश भाव (11th House) - यह भाव इच्छाओं की पूर्ति और लाभ का होता है। यहाँ मंगल व्यक्ति को धन, सफलता, और सामाजिक संबंधों में लाभ प्राप्त करने में सहायक होता है।
5. चतुर्थ भाव (4th House) - यहाँ मंगल संपत्ति, वाहन, और सुख-सुविधाओं का लाभ प्रदान कर सकता है। यह स्थिति घर में शांति और स्थिरता देती है।
मंगल के शुभ होने के लक्षण:
• मजबूत आत्म-विश्वास और साहस।
• किसी भी कार्य में पूर्णता और मेहनत।
• विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और आत्म-विश्वास बनाए रखना।
• नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की ताकत।
• जीवन में साहसी कदम उठाने की प्रवृत्ति।
यदि कुंडली में मंगल इन शुभ राशियों और भावों में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति को साहसी, अनुशासनप्रिय और आत्म-विश्वासी बनाता है, जिससे वे जीवन में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँच सकते हैं।
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