Friday, 8 July 2016

Videsh jaane ke liye mantra

विदेश में जाकर बसने के लिए मंत्र प्रयोग

आज के समय में हर इन्सान का सपना होता है की वो अपने जीवन काल में एक बार अवश्य विदेश में घूमने जाये | और आज कल युवा तो इस कद्र पागल होते कि वो विदेशों में जाने के लिए कई तरह के टोटके अपनाते है तांत्रिकों के चक्कर में पड़कर अपना पैसा बर्बाद करते है , अगर आप विदेश जाकर धन कमाना चाहते है या फिर शादी करके वही सेटल होना आपकी इच्छा है तो आपकी इस इच्छा की पूर्ति करेगा , ये उपाय जो सिंपल है और करने में आसान है और किसी प्रकार के धन की बर्बादी इसमें नहीं है

जप के लिए जरूरी समान:- शुद्ध देसी घी का दीपक, केसर, सफेद रंग के फूल,एक लकड़ी का पटरा, धूप, अगरबत्ती और दक्षिणाव्रती शंख जो बड़े आकार का हो, (जो मन्त्रो द्वारा सिद्ध हो प्राण प्रतिष्ठादियुक्त )   

                        

जप करने के लिए माला :-स्फटिक की माला   (जो मन्त्रो द्वारा सिद्ध की गई हो) |

पूजा के लिए उपयुक्त समय :- रात या रात को किसी भी समय |

 पूजा के लिए उपयुक्त  दिन :-शुक्रवार के दिन  |

पूजा में पहने वाले जरूरी कपड़े :-सफेद सूती धोती |

जप के लिए उपयुक्त आसन :-सफेद रंग का आसन |

जप करने की संख्या :- 11,000 बार (ग्यारह हजार) |

कितने दिन में जप करने है :- 11 दिन |

जप के लिए उपयुक्त दिशा :-पश्चिम दिशा की तरफ मुहँ करे |

विदेश में जाकर बसने के लिए मंत्र प्रयोग , videsh jane ke liye mantra jaap, videsh yatra ke liye upay

कौन सा मन्त्र बोलना है :-

|| ॐ व्ल्ल्भाये विदेश गमनाये कार्य सिद्धयर्थे नम: ||

यह उपाए आप महीने के किसी भी शुक्रवार को शुरू कर सकते है | सबसे पहले एक लकड़ी का पटरा ले और उसके उपर सफेद रंग का कपड़ा बिछा ले | और उस कपड़े के उपर  दक्षिणाव्रती शंख जो बड़े आकार रख ले | और शंख के ऊपर केसर स्वस्तिक का बना ले | और एक तिलक लगा कर पूजा करे घी का दीपक जलाये और धूप अगरबत्ती जलाने के बाद पुष्प अर्पित करे | फिर उसके बाद मन्त्रो द्वरा सिद्ध की हुई स्फटिक की माला से उपर दिए हुए मंत्रो का जाप शुरू करे |

जब आपका जाप पूरा हो जाए तो उसी सफेद कपड़े में दक्षिणाव्रती शंख को बांध कर अपने घर के पूजा स्थल में रख दे और हर रोज श्रद्धा पूर्वक पूजा करे और दर्शन करे | ये उपाए करने से आपके अतिशीघ्र विदेश जाने के योग बनने शुरू हो जायेगे  और विदेश जाने में जो भी बाधाये उपन्न हो रही है स्वम ही उनका निवारण हो जाएगा | और आप विदेश में जिस भी मनोरथ से जाना कहते है वह भी पूरा होगा |

No comments:

Post a Comment