वसंत पंचमी
सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है
“श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”
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आज के दिन क्या करें :
आज के दिन बच्चे/जवान/बूढ़े सभी लोग पीले/सफ़ेद रंग के वस्त्र पहने।
आज माँ शारदा को पीले चावल (ताहरी), पीले लड्डू व केसर युक्त खीर का भोग लगाएं और घर के सभी लोग खाएं।
बच्चों को आज से 11 तुलसी के पत्तों का रस मिश्री के साथ देना शुरू करें। स्मरण शक्ति में वृद्धि होगी।
अगर आपके बच्चे को वाणी दोष है अर्थात बोलने/हकलाने/लड़खड़ाकर बोलने की समस्या है तो बच्चे की जीभ पर केसर से चांदी की सलाई द्वारा ‘ऐं’ बीज मंत्र लिखें।
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बसंत पंचमी के दिन वास्तु उपाय:
बच्चाा जिस तरफ मुंह करके पढता हो, उस दीवार पर आज के दिन मां सरस्वती का चित्र लगाएं। पढाई में रूचि जागृत होगी। कोशिश करें पढ़ते समय बच्चे का मुहँ उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व में रहे।
सोते समय बच्चों को सिर पूर्व की ओर रखना चाहिए। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
जो बच्चे पढ़ते समय शीघ्र सोने लगते हैं अथवा मन भटकने के कारण अध्ययन नहीं कर पाते, उनके अध्ययन कक्ष में आज ही हरे रंग के परदे लगाएं।
एक क्रिस्टल बॉल अथवा क्रिस्टल का श्रीयंत्र लाकर अपने अध्ययन कक्ष में रख लें। यह नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है।
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